हिन्दू राष्ट्र कोई सांप्रदायिक विचार नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का पनर्जागरण है। यह वह राष्ट्र है जहाँ सनातनधर्म , हिन्दू परम्पराएं, ऋषि - मुनिओं की शिक्षाओं और भारतीय संस्कृति सुरक्षित एवं समृद्ध हों।
धर्मग्रंथों , मंदिरों , परम्पराओं , और हिन्दू सभयता को बचाना।
रामराज्य की स्थापना
जहाँ न्याय, धर्म, करुणा, और नैतिकता सर्वोपरि हो।
हिन्दू राष्ट्र में मुस्लिम , इशाई , सिख , जैन , बौद्ध सहित सभी धर्मों को सामान सम्मान और सुरक्षा प्राप्त होगी।
हिन्दू एकता और संगठन
विभाजन नहीं, बल्कि पूरे सनातन समाज का उत्थान।
भारत सदैव सर्वधर्म संभव का प्रतीक रहा है। यहाँ चारों धामों के बीच बसने वाले सभी लोग सनातनी मूल से जुड़े हैं।
हिन्दू राष्ट्र को उद्देश्य किसी का तिरस्कार करना नहीं है बल्कि सबको सुरक्षित, सम्मानजनक और धर्म के आधार पर भयमुक्त वातावरण देना है।
हिन्दू राष्ट्र का अर्थ किसी का विरोध करना नहीं, बल्कि अपने सनातन मूल्यों की रक्षा और भारत को पुनः विश्वगुरु बनाना है। यहाँ हर धर्म का सम्मान होगा, क्योंकि यह सनातन भूमि सभी का कल्याण करने के लिए बनी है।