हम हिन्दू राष्ट्र के निर्माण के इस यज्ञ में सहभागी बनेंगे।
हम सनातन संस्कृति, सेवा, और धर्म के रक्षा के लिए संगठित रहेंगे।
हम मंदिरों को केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि सेवा केंद्र बनाएंगे।
हम अपने धर्म और समाज के उत्थान के लिए तन - मन - धन से समर्पित रहेंगे।
"यहाँ से जाते समय, केवल विचार नहीं, एक अटूट संकल्प लेकर जाइए..
केवल भावना नहीं, एक प्रज्वलित अग्नि लेकर जाइए...
केवल शब्द नहीं, एक दिव्य लक्ष्य लेकर जाइए, एक ध्येय लेकर जाइए
जो सनातन धर्म और हिंदू राष्ट्र के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करे!"